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20 लाख करोड़ का राहत पैकेज / एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन


  • वित्त मंत्री ने बुधवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ब्रेकअप बताया। उन्होंने कहा कि यह पैकेज भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत के विशेष पैकेज का ब्रेकअप बताया, सरकार ने सुधार के 15 कदम उठाए
  • आयकर रिटर्न की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर और टैक्स ऑडिट की तारीख 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर की गई
  • ऐसी कंपनियां जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और सैलरी 15 हजार से कम, तो उनका पीएफ का पैसा सरकार देगी
नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज के तहत किस सेक्टर को कितना पैसा दिया जाएगा। सरकार ने एमएसएमई, एनबीएफसी, एमएफआई, डिस्कॉम, रियल एस्टेट, टैक्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत देने के लिए 15 घोषणाएं की। एमएमएमई को 3 लाख करोड़ का लोन दिया जाएगा। इससे 45 लाख उद्योगों को फायदा होगा। पीएफ में सरकार भी अपना योगदान देगी, इससे करीब 70.22लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
इसके अलावा, टीडीएस की दरों में 25% तक कटौती मार्च 2021 तक की जाएगी। इससे 55 हजार करोड़ रुपए का फायदा होगा। आयकर रिटर्न की तारीख भी 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी गई है। टैक्स ऑडिट की डेट भी अब 30 सितंबर की जगह 31 अक्टूबर कर दी गई है।

3 लाख करोड़ का लोन एमएमएमई को कैसे फायदा देगा, समझिए

  1. लोन 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री है।
  2. उन उद्योगों को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो।
  3. 10 महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी।
  4. 31 अक्टूबर 2020 तक ही इस लोन के लिए अप्लाई किया जा सकेगा।
  5. किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। 45 लाख एमएसएमई को मिलेगा फायदा। 
  6. 20 हजार करोड़ रुपए स्ट्रेस्ड एमएसएमई को दिया।
  7. अच्छी एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा। सभी छोटे उद्योगों को शामिल किया जाएगा।
  8. माइक्रो इंडस्ट्री के लिए 25 लाख से बढ़ाकर निवेश एक करोड़ किया गया।
  9. स्माल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार, मध्यम के लिए 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ के कारोबार को मंजूरी।
  10. लोकल उद्योगों को ग्लोबल करने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया यानी अब 200 करोड़ रुपए से कम का कोई टेंडर नहीं होगा।
बुधवार को घोषित राहतपैकेज का ब्रेकअप
1) एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन
  • लोन 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री है।
  • उन उद्योगों को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो।
  • 10 महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी।
  • 31 अक्टूबर 2020 तक ही इस लोन के लिए अप्लाई किया जा सकेगा।
  • किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। 45 लाख एमएसएमई को मिलेगा फायदा। 
  • 20 हजार करोड़ रुपए स्ट्रेस्ड एमएसएमई को दिया।
  • अच्छी एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा। सभी छोटे उद्योगों को शामिल किया जाएगा।
  • माइक्रो इंडस्ट्री के लिए 25 लाख से बढ़ाकर निवेश एक करोड़ किया गया।
  • स्माल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार, मध्यम के लिए 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ के कारोबार को मंजूरी।
  • लोकल उद्योगों को ग्लोबल करने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया यानी अब 200 करोड़ रुपए से कम का कोई टेंडर नहीं होगा।
  • आंशिक ऋणगारंटी योजाना में 45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधन किया जाएगा। इसमें सरकार को 20 फीसदी का नुकसान होगा। इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और आम आदमी को लोन देने में सहूलियत होगी।
  • 2) एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपए
  • गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों की लिक्विडिटी की समस्या दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम शुरू होगी।
  • एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी 30 हजार करोड़ में जोड़ा गया है। इनकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।
  • 45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी। इसमें एए पेपर्स और इसके नीचे के रेटिंग वाले पेपर्स को भी कर्ज मिलेगा। अनरेटेड पेपर्स के लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है। इससे नई लेंडिंग को बढ़ावा मिलेगा। 
  • 3) पावर जनरेटिंग कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए
  • मुश्किल में घिरी राज्यों की पावर जनरेटिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। डिस्कॉम यानी पावर जनरेटिंग कंपनियों को इससे फायदा मिलेगा। 
  • बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी आई है। बिजली उत्पादन और वितरण करनेवाली कंपनियों के लिए यह प्रावधान किया गया है।
  • 90 हजार करोड़ रुपए सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिया जाएगा। कॉन्ट्रैक्टर को 6 महीने की राहत बिना किसी शर्त के दी जाएगी।
  • 4) सरकारी कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत
  • सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट में 6 महीने का एक्सटेंशन देंगी। इन 6 महीनों के दौरान कॉन्ट्रैक्टर को बिना किसी शर्त के राहत दी जाएगी।
  • कॉन्ट्रैक्टर जो आंशिक सिक्योरिटीज देते थे, उसे वापस किया जाएगा।
  • मान लीजिए 70 प्रतिशत किसी ने काम किया है तो उसकी बाकी की 30 प्रतिशत गारंटी उसे वापस की जा सकती है। जितना काम होगा, उस आधार पर यह गारंटी रिलीज की जा सकती है। 
  • 5) पीएफ-ईपीएफ: कंपनियां पीएफ में हिस्सेदारी 12% की जगह 10% तक कर सकेंगी
  • सभी फर्म और कंपनियां जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और उनकी सैलरी 15 हजार से कम है, तो उनके पीएफ का पैसा सरकार देगी। ऐसे कर्मचारियों की सैलरी का 24% हिस्सा सरकार उनके पीएफ में जमा करेगी।
  • अब कंपनियां कर्मचारियों के पीएफ में अपना हिस्सा 12% की जगह 10% तक कर सकेंगी।
  • सरकार ने ईपीएफ कंट्रीब्यूशन को तीन महीने के लिए आगे बढ़ाया, अब अगस्त तक ईपीएफ में सरकार मदद करेगी।
  • सरकार 70.22 लाख कर्मचारियों की मदद के लिए 2,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी
6) टीडीएस रेट में 25% की कमी, 55 हजार करोड़ का फायदा होगा
  • टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट।
  • दरों में कमी 13 मई से लागू होगी और मार्च 2021 तक रहेगी। टीडीएस कटौती से 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा।
  • जिनके भी रिफंड लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द भुगतान किया जाएगा। छोटे उद्योग हों, पार्टनरशिप वाले उद्योग हों, एलएलपी हों, या कोई अन्य उद्योग, सभी को जल्द से जल्द भुगतान होगा।
  • रिफंड की गति को तेज किया जाएगा। टैक्स ऑडिट अब अक्टूबर से आगे बढेगा। अब 30 नवंबर तक आयकर रिटर्न भरा जा सकता है। 
पैकेज का ऐलान आत्मनिर्भर भारत के लिए- वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण ने कहा- पैकेज का ऐलान आत्मनिर्भर भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसके पांच स्तंभ इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं। उन्होंने कहा किआत्मनिर्भर भारत का मतलब यह कतई नहीं है कि हम पृथकतावादी सोच रखते हैं। हमारा फोकस लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना है। लघु उद्योगों के लिए हमने 6 बड़े कदम उठाए हैं।
डिमांड और सप्लाई चेन में समन्वय पर फोकस- अनुराग ठाकुर
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- कोविड-19 के तहत प्रधानमंत्री ने पहला कदम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण के तहत उठाया जो 1.70 लाख करोड़ रुपए का था। आरबीआई के जरिए लिक्विडिटी दी गई। भारत दुनिया भर के देशों में की तुलना में कोविड से बेहतर तरीके से लड़ रहा है। हम इस पर गहराई से विचार कर रहे हैं कि डिमांड और सप्लाईकी चेन में समन्वय बना रहे।

सौजन्य से :- https://money.bhaskar.com

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